अब ख़ुशी है ना कोई गम रुलाने वाला
हमने अपना लिया हर रंग ज़माने वाला
उसको रुक्षत किया था मुझे मालूम ना था
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला
इक मुसाफिर के सफ़र जैसी है सब की दुनिया कोई जल्दी मै कोई देर से जाने वाला
एक बे-चेहरा सी उमीद है चेहरा- चेहरा
जिस तरफ देखिये आने को है आने वाला -निदा फ़ाज़ली
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