Friday, 12 August 2011


अब ख़ुशी है ना कोई गम रुलाने वाला
हमने अपना लिया हर रंग ज़माने वाला
उसको रुक्षत किया था मुझे मालूम ना था
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला
इक मुसाफिर के सफ़र जैसी है सब की दुनिया  
कोई  जल्दी मै कोई देर से जाने वाला 
एक बे-चेहरा सी उमीद है चेहरा- चेहरा 
जिस तरफ देखिये आने को है आने वाला -निदा फ़ाज़ली 

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